West Bengal Governor CV Anand Bose Murshidabad Malda Visit violence victims

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा स्थगित करने के अनुरोध के बावजूद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे. माना जा रहा है कि राज्यपाल वहां हिंसा पीड़ितों से मुलाकात करेंगे और मौजूदा हालात का जायजा लेंगे. मालदा पहुंचने से ठीक पहले राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में जगह-जगह हिंसा अपना भयानक रूप दिखा रही है. हमें हिंसा के रास्ते को खत्म होगा और ताबूत में आखिरी कील ठोकनी होगी. यह एक ऐसा काम है जो बंगाल में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी है.

राज्यपाल ने सीवी आनंद बोस ने कहा कि वहां जो कुछ हुआ है, वह ऐसा कुछ है जो कभी नहीं होना चाहिए था. बंगाल की सड़कों पर कई जगहों पर मौत का नाच चल रहा है. इस तरह की हिंसा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हमें प्रयास करना चाहिए और सभी हितधारकों को एक साथ आना होगा. क्षेत्र का दौरा करने और वहां के लोगों की भावनाओं को साझा करने के बाद मैं निश्चित रूप से इसे मिशन मोड में लेने के लिए एक कार्य योजना बनाऊंगा. किसी भी कीमत पर हिंसा के खिलाफ लड़ना होगा.

राज्यपाल से ठीक पहले पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम

राज्यपाल के दौरे से पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम भी मुर्शिदाबाद दंगों से विस्थापित लोगों से मिलने के लिए मालदा में एक राहत शिविर का दौरा किया. एनएचआरसी की टीम ने मालदा के पार लालपुर हाई स्कूल का दौरा किया, जहां वक्फ (संशोधन) अधिनियम में केंद्र सरकार के संशोधनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक झड़पों के बाद से सैकड़ों विस्थापित लोगों ने शरण ली है.

एनएचआरसी ने हिंसा का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि उसने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक टीम को हिंसा प्रभावित इलाके में भेजने का फैसला किया है. यह टीम तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट भी सौंपेगी.

हिंसा में तीन लोगों की मौत

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में फैली हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई. अपनी जान के डर से कई परिवार मालदा भाग गए और अब अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे हैं. पीड़ितों का कहना है कि उन्हें जान का डर सता रहा है ऐसे में घर परिवार छोड़कर भागने के आलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है.

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